पांच लाख में बिके थे टीईटी के फर्जी प्रमाणपत्र

Image result for corruptionपटना : बिहार प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2011 में असफल रहे कुछ अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ कर या फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में पटना पुलिस ने नया खुलासा किया है. बिहार बोर्ड के  अभिलेखागार प्रभारी जटा शंकर मिश्र व पदचर रंजीत कुमार और बेगूसराय के छोटी बलिया स्थित विभिन्न स्कूलों से तीन  शिक्षिकाओं को गिरफ्तार करने के बाद उनसे पूछताछ में यह पता चला है कि टीईटी के फर्जी प्रामण पत्रों को   पांच-पांच लाख रुपये में बेचा गया था.
इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों के गिरफ्तार करने के बार छठवीं गिरफ्तारी अरुण शर्मा की किया है. अरुण शर्मा पहले गिरफ्तार की गयी तीन शिक्षिकाओं में से एक का पति है. वह ट्यूशन पढ़ाता है और उसने ही अपनी पत्नी के लिए पैसा देकर फर्जी प्रमाण पत्र खरीदा था. उस पर और लोगों को प्रमाण पत्र दिलवाने का आरोप है.  एसआइटी की 10 सदस्यी टीम छापेमारी कर रही है.
तीन चरणों में  चल रहा है रैकेट
फर्जीवाड़े का यह खेल र्थी लेयर में चल रहा है. इसमें प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले लोग, बिहार बोर्ड के कुछ कर्मचारी और बाहरी लोग शामिल हैं. टीईटी के कई असफल उम्मीदवारों ने फर्जी प्रमाण पत्र बना कर नौकरी लेने का प्रयास किया और कुछ ने नौकरी ली भी. इसके लिए क्लोन डाटा बेस तैयार जाता था.
गौरतलब है कि जांच प्रतिवेदन के आधार पर 19 जुलाई को कोतवाली थाने में बिहार बोर्ड की तरफ से प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. पुलिस ने जटाशंकर मिश्र व रंजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा तीन शिक्षिकाओं को भी गिरफ्तार किया गया है. शनिवार को छठी गिरफ्तारी भी की गयी है. 

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