विभाग ने की अनदेखी: तीन साल बाद भी नहीं शुरू हुए 216 मॉडल स्कूल, एक हजार वर्चुअल क्लास का इंतजार

216 स्कूलों का हो चुका है निर्माण
राज्य के सभी प्रखंडों में चरणबद्ध तरीके से मॉडल स्कूल का निर्माण होना था, लेकिन 353 स्वीकृत मॉडल स्कूल में से अब तक 216 स्कूलों का निर्माण हो चुका है। एक भवन के निर्माण पर 3.36 करोड़ की राशि खर्च हुई है। 81 मॉडल स्कूल भवन का विभिन्न स्तर पर निर्माण कार्य बाधित है। शेष 56 भवनों को निर्माण प्रारंभ ही नहीं हो सका है। शिक्षा विभाग के बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम (बीएसईआईडीसी) के माध्यम से मॉडल स्कूल भवन का निर्माण गया है। केंद्र सरकार ने सभी प्रखंडों में एक-एक मॉडल स्कूल खोलने की योजना शुरू की। बिहार में 353 मॉडल स्कूल की स्वीकृति भी दी। 216 का निर्माण भी पूरा हो गया, लेकिन अचानक अप्रैल 2015 में केंद्र ने योजना से हाथ खड़े कर दिए। केंद्र ने राज्य सरकार से ही इस योजना को पूरा करने के लिए कहा। बिहार में 81 आधे-अधूरे मॉडल स्कूल के भवन निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 186 करोड़ स्वीकृत किया।
केंद्रीय योजना के तहत किया जा रहा निर्माण
नए मॉडल स्कूल भवन दो तल्ला है। यहां भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान के लिए अलग-अलग अत्याधुनिक प्रयोगशाला बनाए गए हैं। कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ाने की भी व्यवस्था है। राज्य में 216 मॉडल स्कूल भवन बन कर तैयार है। इसमें शिक्षा विभाग को 176 स्कूल सभी सुविधाओं से लैस सौंप दिए गए हैं। मॉडल स्कूल में 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई होनी है। केंद्रीय योजना के तहत मॉडल स्कूल का निर्माण कराया जा रहा था।
दो साल बाद भी शुरू नहीं हो सकी वर्चुअल क्लास
2016 में सरकार ने दावा किया था कि हर हाल में 2017-18 सत्र में 1000 स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू हो जाएगा, लेकिन नहीं हो सका था। 2018 का सत्र में भी पूरा नहीं सका है। उच्च और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को वर्चुअल क्लास के माध्यम से क्वालिटी एजुकेशन देना है। इसके लिए चयनित स्कूलों में 10-10 कंप्यूटर लगाना है। वर्चुअल क्लास रूम तैयार करने के लिए प्रत्येक स्कूल को लगभग 60-60 लाख रुपए खर्च होंगे।
एक क्लास की रिकार्डिंग कर दूसरे स्कूलों में पढ़ाई
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