बिहार : मुंगेर में बोरवेल से सुरक्षित निकाली गयी सन्नो, 30 घंटे बाद बच्ची को मिली जिंदगी

बच्ची से बात करते हुए पूरी रात जगी रही मां
तीन साल की सना ने जिस तरह से इतने बड़े हादसे में अदम्य साहस का परिचय दिया, उस तरह का साहस किसी बड़े लोगों में संभव नहीं हो पाता है. एक ओर जहां बोरवेल में डाले गये सीसीटीवी कैमरे की मदद से बच्ची का हिलने-डोलने का पता चल रहा था, वहीं दूसरी ओर जब बच्ची के रोने की आवाज आने लगी, तब उसकी मां सुधा देवी ने बोरवेल में झांकते हुए जोर से आवाज लगायी कि बेटा मैं भी अंदर में ही हुं, तुमको जल्दी ही बाहर निकाल लेंगे. जब भी बच्ची के रोने की आवाज आती थी, तब उसकी मां उसे यही सांत्वाना देती रही. हर आधे घंटे, एक घंटे पर बच्ची की आवाज सुनाई दे रही थी और उसकी मां उसे बार-बार दिलासा दे रही थी.
तीन साल की सना ने जिस तरह से इतने बड़े हादसे में अदम्य साहस का परिचय दिया, उस तरह का साहस किसी बड़े लोगों में संभव नहीं हो पाता है. एक ओर जहां बोरवेल में डाले गये सीसीटीवी कैमरे की मदद से बच्ची का हिलने-डोलने का पता चल रहा था, वहीं दूसरी ओर जब बच्ची के रोने की आवाज आने लगी, तब उसकी मां सुधा देवी ने बोरवेल में झांकते हुए जोर से आवाज लगायी कि बेटा मैं भी अंदर में ही हुं, तुमको जल्दी ही बाहर निकाल लेंगे. जब भी बच्ची के रोने की आवाज आती थी, तब उसकी मां उसे यही सांत्वाना देती रही. हर आधे घंटे, एक घंटे पर बच्ची की आवाज सुनाई दे रही थी और उसकी मां उसे बार-बार दिलासा दे रही थी.
via p.khabar
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