पटना : सरकारी हाईस्कूलों में छात्रों की उपस्थिति 30% भी नहीं

जबकि, स्कूलों के रजिस्टर पर सैकड़ों की संख्या में बच्चों का नामांकन दर्ज रहता है. फिर भी बच्चों की उपस्थिति नदारद ही रहती है.
इसमें सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर बच्चे नामांकन कराने के बाद स्कूल क्यों नहीं आते या नामांकन करवाने के बाद कहां गायब हो जाते हैं. हालांकि, प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति की स्थिति इतनी खराब नहीं है. वहां 55 से 60 फीसदी तक बच्चे रोजाना क्लास में उपस्थित होते हैं.
लेकिन, जैसे-जैसे क्लास बढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे बच्चों की उपस्थिति कम होती चली जाती है. हाईस्कूल के स्तर पर साइकिल, पोशाक समेत अन्य योजनाओं का लाभ लेने वाले छात्रों की संख्या उपस्थित होने वाले छात्रों की संख्या से कहीं ज्यादा रहती है. जबकि, साइकिल और पोशाक योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को देने का प्रावधान है, जिनकी क्लास में उपस्थिति 75 फीसदी से ज्यादा हो. ऐसे में बड़ी संख्या में नामांकन लेने के बाद गायब रहने वाले छात्रों की हाजिरी 75 फीसदी कैसे बन जाती है, यह भी समझ से परे है.
130 हाईस्कूलों में नामांकित पाये गये एक लाख चार हजार छात्र
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