इंटर परीक्षा में छात्र को अंग्रेजी में 32 नंबर मिले, बोर्ड ने 2 बता फेल कर दिया; एक साल हुआ बर्बाद

स्क्रूटिनी में भी बोर्ड ने उसे फेल ही माना, आरटीआई से कॉपी मांगी तो राज खुला:यह मामला 2017 में हुई इंटर परीक्षा से संबंधित है। इसका रिजल्ट पिछले साल 23 मई को निकला। सौरभ ने अंग्रेजी को वैकल्पिक विषय रखा था। इसमें उसे मात्र 32 नंबर मिले। उसने इस विषय के नंबर की स्क्रूटनी का आवेदन दिया। बोर्ड ने स्क्रूटनी की और 32 की जगह 2 नंबर देते हुए उसे फेल कर दिया। इसके बाद सौरभ की मन:स्थिति बहुत खराब हो गई। परिवार वाले परेशान हो गए। स्वाभाविक था। सौरभ यह भी सोचने को विवश हो गया कि आखिर उसने स्क्रूटनी का आवेदन दिया ही क्यों था? दरअसल, उसे इतने कम नंबर मिलने या फेल होने की उम्मीद ही नहीं थी। अंतत: उसने बोर्ड से आरटीआई के तहत अपनी कॉपी मांगी।
छात्र कोर्ट पहुंचा तो बोर्ड ने मानी गलती:बहुत टाल-मटोल के बाद बोर्ड ने उसे 32 नंबर दिया और उसे इस विषय में पास बता दिया। सौरभ, पटना हाईकोर्ट की शरण में आया। तब जाकर बोर्ड ने अपनी गलती मानी। बोर्ड की लापरवाही और उसे सुधारने में देरी की वजह से सौरभ का एक साल बर्बाद हो गया। इन्हीं कारणों से हाईकोर्ट ने उसे 1 लाख रुपये देने का निर्देश बिहार बोर्ड को दिया। सुनवाई के दौरान बोर्ड के वकील ने वैसी तमाम दलीलें दी, ताकि बोर्ड को मुआवजा नहीं देना पड़े। बोर्ड का तर्क था कि यह लिपिकीय भूल थी। 3 दिख ही नहीं रहा था। फिर हमने तो गलती मानी और इसे सुधारा भी। लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को नकार दिया। कहा-’यह अक्षम्य है। बोर्ड बहुत जिम्मेदार संस्था है। उससे ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। ठीक है कि आपने गलती सुधारी लेकिन इसमें इतनी देरी क्यों की? सौरभ का एक साल तो बर्बाद हो गया और यह साल भी बर्बाद होने को है। इसकी भरपाई तो होनी चाहिए। सौरभ तो मुआवजे का बिल्कुल हकदार है।’
via bhskr
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