​पूछताछ में खुलासा: तिवारी ने 5-se 5 लाख रुपए लेकर 100 शिक्षकों को कराया था बहाल, बोर्ड कर्मियों को देता था 4 लाख

teacher recruitment scam in biharपटना. टीईटी-2011 और शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में बिहार बोर्ड के अधिकारियों और फर्जी कैंडीडेट के बीच की सबसे बड़ी कड़ी विजय कुमार तिवारी लंबे समय से पुलिस के निशाने पर था। बुधवार को गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के बाद उसने कई बोर्ड कर्मियों का नाम लिया है। सत्यापन के लिए पुलिस सभी से पूछताछ करेगी। तिवारी का साथ देने वाले कुछ बोर्ड कर्मी जेल में भी हैं। मूल रूप से औरंगाबाद का रहने वाला तिवारी पटना के रूपसपुर में रहकर 10 साल से बिहार बोर्ड में दलाली कर रहा है। उसने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। दलाली के पैसे से आलीशान मकान बनवाया है और करोड़ों की जमीन भी राजधानी में अर्जित की है। 
एक काॅलेज के प्रिंसिपल ने कराई थी जान-पहचान 
तिवारी ने पुलिस को बताया कि वह लगभग दस साल पहले अपने जिले के एक वित्तरहित काॅलेज के प्रिंसिपल के साथ बोर्ड ऑफिस आया था। इसी दौरान उसकी जान-पहचान बोर्ड के कुछ अधिकारियों से हुई थी। उसने कहा कि उसने तब काॅलेज का काम पैसे देकर करवाया था। इसके बाद वह पटना ही रह गया और बोर्ड में दलाली करने लगा। 
साहेबपुर कमाल के बीईओ ने दिए थे सारे अभ्यर्थी 
पूछताछ के दौरान तिवारी ने खुलासा किया कि उसने सिर्फ बेगूसराय जिले के अयोग्य शिक्षकों से पैसे लेकर ही बहाल करवाया है। उसने कहा कि साहेबपुर कमाल के एक बीईओ का आना-जाना बोर्ड ऑफिस होता था और बोर्ड में ही उसकी जान पहचान हुई। इसके बाद बीईओ ने ही उसकी जान-पहचान बेगूसराय के दलाल दीपक से करवाई थी। बलिया के बोर्ड   पार्षद के बेटे दीपक और उसके दोस्त मुकेश के साथ मिलकर उसने कई अयोग्य शिक्षकों को बहाल करवाया है।  
दीपक-माइकल समेत 3 की गिरफ्तारी के लिए छापे

Comments

Popular posts from this blog

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व॰ भोला पासवान शास्त्री का जन्म दिवस समारोह का आयोजन

विवादों का सुपर 30: अब पुलिस के खिलाफ ईंट से ईंट बजाएंगे आनंद! जानिए मामला

राजीव गांधी की जयंती : वोट बैंक के लिए अटल जी के अस्थि कलश को घूमा रहे हैं PM मोदी : गोहिल, लांच किया इंदिरा शक्ति ऐप