पूछताछ में खुलासा: तिवारी ने 5-se 5 लाख रुपए लेकर 100 शिक्षकों को कराया था बहाल, बोर्ड कर्मियों को देता था 4 लाख

एक काॅलेज के प्रिंसिपल ने कराई थी जान-पहचान
तिवारी ने पुलिस को बताया कि वह लगभग दस साल पहले अपने जिले के एक वित्तरहित काॅलेज के प्रिंसिपल के साथ बोर्ड ऑफिस आया था। इसी दौरान उसकी जान-पहचान बोर्ड के कुछ अधिकारियों से हुई थी। उसने कहा कि उसने तब काॅलेज का काम पैसे देकर करवाया था। इसके बाद वह पटना ही रह गया और बोर्ड में दलाली करने लगा।
साहेबपुर कमाल के बीईओ ने दिए थे सारे अभ्यर्थी
पूछताछ के दौरान तिवारी ने खुलासा किया कि उसने सिर्फ बेगूसराय जिले के अयोग्य शिक्षकों से पैसे लेकर ही बहाल करवाया है। उसने कहा कि साहेबपुर कमाल के एक बीईओ का आना-जाना बोर्ड ऑफिस होता था और बोर्ड में ही उसकी जान पहचान हुई। इसके बाद बीईओ ने ही उसकी जान-पहचान बेगूसराय के दलाल दीपक से करवाई थी। बलिया के बोर्ड पार्षद के बेटे दीपक और उसके दोस्त मुकेश के साथ मिलकर उसने कई अयोग्य शिक्षकों को बहाल करवाया है।
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