​हादसे में अपना हाथ गंवा चुके लोगों के लिए आईआईटी पटना के 5 स्टूडेंट्स ने बनाए आर्टिफिशियल हैंड

5 students of IIT Patna made artificial handsपटना. हाथ हमारे शरीर का जरूरी अंग है। अगर यह न हो तो हमारा डेली रूटीन किस हद तक प्रभावित होगा, इसका अंदाजा लगा सकते हैं। तो अब सोचिए उन लोगों के बारे में जिन्होंने अपना हाथ किसी हादसे में खो दिया हो। उनका जीवन कैसे चलता होगा, इसकी हम सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं। ऐसे ही लोगों की तकलीफ को देखकर उनके लिए कुछ करने के बारे में सोचा आईआईटी पटना के पांच स्टूडेंट्स ने। कुमारी प्रियंका, प्रीतीम रंजन बेहेरा, अक्षय सक्सेना, अनिल नायर और लेवलिन डीसा ने एक रोबोटिक हैंड बनाया है, जो एक्सीडेंट में हाथ गंवा चुके लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। कम वजन, ग्रिप कंट्रोल और रियल हैंड की तरह दिखना इस आर्टिफिशियल हैंड की खासियत है।  
2016 में रखी थी इस स्टार्टअप की नींव  
प्रोस्थेटिक आर्म, रोबोटिक हैंड या आर्टिफिशियल हैंड के नाम से जाना जाने वाला ये स्टार्टअप तैयार हुआ है। आईआईटी पटना के इन्कयूबेशन सेंटर में। 2016 में इन पांच युवाओं ने इस स्टार्टअप को शुरू किया था। वहीं सितंबर में इन्होंने बायोनिक होप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई जो रोबो-बायोनिक के नाम से जाना जाता है। दो वर्षों की मेहनत के बाद इन्होंने इसका अल्फा वर्जन तैयार कर लिया है और इसकी सफल टेस्टिंग 10 हाथों के साथ जुलाई में कर ली। टेस्ट उन लोगों के साथ किया गया जिनका एक हाथ नहीं था। इन युवाओं का मकसद है कि वे बिहार के लोगों को ये सुविधा कम से कम कॉस्ट में उपलब्ध करा पाएं। ये आर्टिफिशियल हैंड आपको असली हाथ की अनुभूति देगा। यह दिसंबर से मिलने लगेगा। इसका वजन आम रोबोटिक हैंड से काफी कम होगा।

दो साल के दौरान जीते कई अवॉर्ड  

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