हादसे में अपना हाथ गंवा चुके लोगों के लिए आईआईटी पटना के 5 स्टूडेंट्स ने बनाए आर्टिफिशियल हैंड

2016 में रखी थी इस स्टार्टअप की नींव
प्रोस्थेटिक आर्म, रोबोटिक हैंड या आर्टिफिशियल हैंड के नाम से जाना जाने वाला ये स्टार्टअप तैयार हुआ है। आईआईटी पटना के इन्कयूबेशन सेंटर में। 2016 में इन पांच युवाओं ने इस स्टार्टअप को शुरू किया था। वहीं सितंबर में इन्होंने बायोनिक होप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई जो रोबो-बायोनिक के नाम से जाना जाता है। दो वर्षों की मेहनत के बाद इन्होंने इसका अल्फा वर्जन तैयार कर लिया है और इसकी सफल टेस्टिंग 10 हाथों के साथ जुलाई में कर ली। टेस्ट उन लोगों के साथ किया गया जिनका एक हाथ नहीं था। इन युवाओं का मकसद है कि वे बिहार के लोगों को ये सुविधा कम से कम कॉस्ट में उपलब्ध करा पाएं। ये आर्टिफिशियल हैंड आपको असली हाथ की अनुभूति देगा। यह दिसंबर से मिलने लगेगा। इसका वजन आम रोबोटिक हैंड से काफी कम होगा।
प्रोस्थेटिक आर्म, रोबोटिक हैंड या आर्टिफिशियल हैंड के नाम से जाना जाने वाला ये स्टार्टअप तैयार हुआ है। आईआईटी पटना के इन्कयूबेशन सेंटर में। 2016 में इन पांच युवाओं ने इस स्टार्टअप को शुरू किया था। वहीं सितंबर में इन्होंने बायोनिक होप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई जो रोबो-बायोनिक के नाम से जाना जाता है। दो वर्षों की मेहनत के बाद इन्होंने इसका अल्फा वर्जन तैयार कर लिया है और इसकी सफल टेस्टिंग 10 हाथों के साथ जुलाई में कर ली। टेस्ट उन लोगों के साथ किया गया जिनका एक हाथ नहीं था। इन युवाओं का मकसद है कि वे बिहार के लोगों को ये सुविधा कम से कम कॉस्ट में उपलब्ध करा पाएं। ये आर्टिफिशियल हैंड आपको असली हाथ की अनुभूति देगा। यह दिसंबर से मिलने लगेगा। इसका वजन आम रोबोटिक हैंड से काफी कम होगा।
दो साल के दौरान जीते कई अवॉर्ड
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