इलाज में लापरवाही से दोनों महिलाओं की मौत की बात साबित हुई, तो आसरा होम का रद्द हो सकता है लाइसेंस

प्रात:कमल के पहले पेज पर छपती थीं मनीषा की खबरें:सूत्रों के अनुसार सरकारी रकम के एक बड़े हिस्से को सचिव निरंतन कुमार और कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल ने हड़प लिया। जांच में इस बात की भी जानकारी मिली है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के अखबार प्रात:कमल में मनीषा के पटना में होने वाले कार्यक्रम मुख्य पृष्ठ पर छपते थे। पुलिस दोनों के बीच कनेक्शन की जांच करने में जुटी है। सूत्रों के अनुसार आसरा होम को दूसरे जगह शिफ्ट किया जा सकता है।
सचिव की पकड़ भी ऊपर तक:ऐसा नहीं है कि केवल मनीषा दयाल की ही पहचान वीआईपी से है। सचिव चिरंतन भी इसमें पीछे नहीं है। उसके भी कई रसूखदार लोगों से बेहतर संबंध होने की बात सामने आई है। दोनों अपनी पहचान का फायदा उठाकर सरकारी रकम ले रहे थे।
मोबाइल सीडीआर हो रही जांच:पुलिस को दोनों का मोबाइल नंबर मिल गया है। दोनों के सीडीआर को पुलिस खंगालने में जुटी है। पुलिस आसरा होम में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की भी जांच करने में जुटी है। दरअसल, पुलिस को स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां कई लोगों का आना-जाना रहता है। दोनों के सीडीआर में कई वीआईपी से बातचीत होने की बात भी सामने आई है। फिलहाल पुलिस वीआईपी लोगों के नाम नहीं बता रही है।
कौन आता था स्विफ्ट कार से:पुलिस इस बात की जांच करने में जुटी है कि आखिर रात में कौन स्विफ्ट कार से आता था। पुलिस आसरा होम के साथ ही आसपास के घरों में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को देखने में जुटी है। अगर पुलिस को उस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर मिल गया तो वह उनलोगों के बारे में जांच करेगी। पुलिस की नजर मनीषा के फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर भी है। सूत्रों के अनुसार सोमवार की सुबह तक उसका फेसबुक अकाउंट था, पर बाद में बंद हो गया। सवाल यह है कि जब वह पुलिस की गिरफ्त में है तो कौन उसके फेसबुक को हैंडल कर रहा था। कई लोगों ने मनीषा के फ्रेंड लिस्ट से अपना नाम हटा दिया।
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