बिहार में अब पुरुष व महिला की औसत उम्र बराबर

- उन्होंने बताया कि अाज भी बिहार में सबसे अधिक मौतें डायरिया के कारण होती हैं। वैसे तो डायरिया से मौत का आंकड़ा 14.1 फीसदी से घटकर 7.1 फीसदी पर पहुंच गया है, फिर भी लगभग एक दहाई मौत इसी से हो रही है। लकवा की बीमारी में दो गुनी बढ़ोतरी हुई है।
- यह 2.7 फीसदी से बढ़कर 3.9 फीसदी हो गया है। हृदय रोग में करीब दो गुनी बढ़ोतरी हुई है। हृदय रोग 2.8 फीसदी से बढ़कर 6.6 फीसदी हो गया है। शिशु व माताओं के कुपोषण में कमी आई है। फिर भी कुल मौतों व बीमारियों का 22 फीसदी कुपोषण के कारण हो रहा है।
- बिहार में दो तिहाई से अधिक रोग व क्षति 10 खतरनाक तत्वों की वजह से होता है। जैसे कुपोषण, वायु प्रदूषण, असुरक्षित जल, भोजन, उच्च रक्तचाप, तंबाकू का सेवन, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल की अधिकता, शराब आदि शामिल है।
- डॉ. धीरेंद्र ने कहा कि छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान दिया जाए तो बीमारी गंभीर रूप नहीं लेगी।
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