सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा- नियोजित शिक्षक काबिल नहीं हैं क्या?
पटना.सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा-क्या नियोजित शिक्षक काबिल नहीं हैं? ऐसा है तो सरकार ने नाकाबिल शिक्षकों को चिह्नित क्यों नहीं किया? एससी ने वर्षवार छात्र-शिक्षक अनुपात और विभिन्न योजनाओं पर खर्च की राशि के साथ ही शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन का ब्योरा मांगा। इसके पहले एससी में बुधवार को एक घंटे बहस में राज्य सरकार ने कहा- नियोजित शिक्षकों को समान वेतन देने पर साइकिल, पोशाक और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को बंद करनी होगी।
सीनियर वकील श्याम दीवान ने राज्य सरकार सरकार का पक्ष रखते हुए कहा-लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए कई योजनाएं चला रही है। बाल विवाह में कमी हुई है। प्रजनन दर में कमी हुई है। इस पर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा नियोजित शिक्षकों के कारण स्कूल की पढ़ाई में सुधार हुई है। स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों का प्रशिक्षत कम हुआ है। बहस गुरुवार को भी होगी। केंद्र सरकार की ओर से एटार्नी जनरल वेणु गोपाल और शिक्षक संघ वकील अपना-अपना पक्ष रखेंगे। पिछले आठ माह से सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश एएम सप्रे और यूयू ललित के कोर्ट में यह सुनवाई चल रही है। 3.56 लाख नियोजित शिक्षकों के पक्ष में हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश पर रोक लगाने की अपील दायर की है।
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