जनता व पुलिस का व्हॉट्सएप ग्रुप बनाने वाला पहला राज्य बना बिहार

साइबर सेनानी समूह के नाम से जाना जाएगा ग्रुप
पुलिस-पब्लिक के इस वाट्सएप ग्रुप को बिहार पुलिस ने 'साइबर सेनानी समूह' का नाम दिया है। हर जिले में तीन स्तर पर यह ग्रुप बनेगा। एक ग्रुप में कम से कम 100 और अधिकतम 256 लोग रहेंगे। डीजीपी के मुताबिक सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं वायरल कर शांति-व्यवस्था या सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। असामाजिक तत्व अफवाह फैलाकर विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करते हैं। ऐसे में इसपर नियंत्रण की आवश्यकता है। पुलिस ने काफी सोच-समझकर इसका तोड़ निकालने का प्रयास किया है। डीजीपी ने कहा कि हम पुलिस और पब्लिक दोनों का वाट्सएप ग्रुप बना रहे हैं। इस ग्रुप में जागरूक और जिम्मेदार नागरिकों को जोड़ा जाएगा। सांसद, विधायक के साथ मुखिया, आम जनता को इसमें शामिल किया जाएगा।
पुलिस-पब्लिक के इस वाट्सएप ग्रुप को बिहार पुलिस ने 'साइबर सेनानी समूह' का नाम दिया है। हर जिले में तीन स्तर पर यह ग्रुप बनेगा। एक ग्रुप में कम से कम 100 और अधिकतम 256 लोग रहेंगे। डीजीपी के मुताबिक सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं वायरल कर शांति-व्यवस्था या सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। असामाजिक तत्व अफवाह फैलाकर विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करते हैं। ऐसे में इसपर नियंत्रण की आवश्यकता है। पुलिस ने काफी सोच-समझकर इसका तोड़ निकालने का प्रयास किया है। डीजीपी ने कहा कि हम पुलिस और पब्लिक दोनों का वाट्सएप ग्रुप बना रहे हैं। इस ग्रुप में जागरूक और जिम्मेदार नागरिकों को जोड़ा जाएगा। सांसद, विधायक के साथ मुखिया, आम जनता को इसमें शामिल किया जाएगा।
ग्रुप से जुड़ने को आवेदन करना होगा
पुलिस के मुताबिक साइबर सेनानी समूह से जुड़ने के लिए लोगों को आवेदन करना होगा। यह आवेदन थानेदार, डीएसपी और एसपी के पास किया जा सकता है। आवेदन में वह अपने संबंध में विस्तृत जानकारी देंगे। थाना स्तर से इसकी जांच कर एसपी को अनुशंसा भेजी जाएगी तब जाकर व्यक्ति को वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाएगा। इस वाट्सएप ग्रुप के जरिए न सिर्फ अफवाहों और गलत जानकारियों का खंडन किया जाएगा, बल्कि इसपर साइबर सुरक्षा से संबंधित टिप्स भी पुलिस की ओर से दिए जाएंगे।
पुलिस के मुताबिक साइबर सेनानी समूह से जुड़ने के लिए लोगों को आवेदन करना होगा। यह आवेदन थानेदार, डीएसपी और एसपी के पास किया जा सकता है। आवेदन में वह अपने संबंध में विस्तृत जानकारी देंगे। थाना स्तर से इसकी जांच कर एसपी को अनुशंसा भेजी जाएगी तब जाकर व्यक्ति को वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाएगा। इस वाट्सएप ग्रुप के जरिए न सिर्फ अफवाहों और गलत जानकारियों का खंडन किया जाएगा, बल्कि इसपर साइबर सुरक्षा से संबंधित टिप्स भी पुलिस की ओर से दिए जाएंगे।
बिहार पहला राज्य है जहां पुलिस और पब्लिक का वाट्सएप ग्रुप बनाया जा रहा है। इसका मकसद अफवाहों पर लगाम लगाकर समाज में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति व्यवस्था बनाए रखना है। साथ ही हम लोगों को सुरक्षा और संरक्षा से संबंधित टिप्स भी देंगे।
जिस सोशल मीडिया के जरिए अफवाहें फलाई जा रही हैं अब पुलिस उसी सोशल मीडिया को इसके खिलाफ अपना हथियार बनाएगी। पुलिस ने जनता के सहयोग से अफवाहों और गलत सूचनाओं पर रोक लगाने के लिए पुलिस- पब्लिक का वाट्सएप ग्रुप बनाने का निर्णय लिया है। बिहार ऐसा करनेवाला देश का पहला राज्य बन गया है। डीजीपी केएस द्विवेदी ने बिहार पुलिस के इस अनोखे प्रयोग का आदेश जारी कर दिया। आगामी 30 अगस्त तक राज्य में पुलिस ऐसे 1459 वाट्सएप ग्रुप तैयार कर लेगी।
साइबर सेनानी समूह के नाम से जाना जाएगा ग्रुप
पुलिस-पब्लिक के इस वाट्सएप ग्रुप को बिहार पुलिस ने 'साइबर सेनानी समूह' का नाम दिया है। हर जिले में तीन स्तर पर यह ग्रुप बनेगा। एक ग्रुप में कम से कम 100 और अधिकतम 256 लोग रहेंगे। डीजीपी के मुताबिक सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं वायरल कर शांति-व्यवस्था या सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। असामाजिक तत्व अफवाह फैलाकर विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करते हैं। ऐसे में इसपर नियंत्रण की आवश्यकता है। पुलिस ने काफी सोच-समझकर इसका तोड़ निकालने का प्रयास किया है। डीजीपी ने कहा कि हम पुलिस और पब्लिक दोनों का वाट्सएप ग्रुप बना रहे हैं। इस ग्रुप में जागरूक और जिम्मेदार नागरिकों को जोड़ा जाएगा। सांसद, विधायक के साथ मुखिया, आम जनता को इसमें शामिल किया जाएगा।
पुलिस-पब्लिक के इस वाट्सएप ग्रुप को बिहार पुलिस ने 'साइबर सेनानी समूह' का नाम दिया है। हर जिले में तीन स्तर पर यह ग्रुप बनेगा। एक ग्रुप में कम से कम 100 और अधिकतम 256 लोग रहेंगे। डीजीपी के मुताबिक सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं वायरल कर शांति-व्यवस्था या सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। असामाजिक तत्व अफवाह फैलाकर विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करते हैं। ऐसे में इसपर नियंत्रण की आवश्यकता है। पुलिस ने काफी सोच-समझकर इसका तोड़ निकालने का प्रयास किया है। डीजीपी ने कहा कि हम पुलिस और पब्लिक दोनों का वाट्सएप ग्रुप बना रहे हैं। इस ग्रुप में जागरूक और जिम्मेदार नागरिकों को जोड़ा जाएगा। सांसद, विधायक के साथ मुखिया, आम जनता को इसमें शामिल किया जाएगा।
ग्रुप से जुड़ने को आवेदन करना होगा
पुलिस के मुताबिक साइबर सेनानी समूह से जुड़ने के लिए लोगों को आवेदन करना होगा। यह आवेदन थानेदार, डीएसपी और एसपी के पास किया जा सकता है। आवेदन में वह अपने संबंध में विस्तृत जानकारी देंगे। थाना स्तर से इसकी जांच कर एसपी को अनुशंसा भेजी जाएगी तब जाकर व्यक्ति को वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाएगा। इस वाट्सएप ग्रुप के जरिए न सिर्फ अफवाहों और गलत जानकारियों का खंडन किया जाएगा, बल्कि इसपर साइबर सुरक्षा से संबंधित टिप्स भी पुलिस की ओर से दिए जाएंगे।
पुलिस के मुताबिक साइबर सेनानी समूह से जुड़ने के लिए लोगों को आवेदन करना होगा। यह आवेदन थानेदार, डीएसपी और एसपी के पास किया जा सकता है। आवेदन में वह अपने संबंध में विस्तृत जानकारी देंगे। थाना स्तर से इसकी जांच कर एसपी को अनुशंसा भेजी जाएगी तब जाकर व्यक्ति को वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाएगा। इस वाट्सएप ग्रुप के जरिए न सिर्फ अफवाहों और गलत जानकारियों का खंडन किया जाएगा, बल्कि इसपर साइबर सुरक्षा से संबंधित टिप्स भी पुलिस की ओर से दिए जाएंगे।
बिहार पहला राज्य है जहां पुलिस और पब्लिक का वाट्सएप ग्रुप बनाया जा रहा है। इसका मकसद अफवाहों पर लगाम लगाकर समाज में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति व्यवस्था बनाए रखना है। साथ ही हम लोगों को सुरक्षा और संरक्षा से संबंधित टिप्स भी देंगे।
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