​पीएमसीएच के पीकू में छह में से पांच वेंटिलेटर एक माह से खराब, बच्चों के इलाज में हो रही परेशानी

Five Ventilators are not working for a Month in Patna Medical College Hospitalपटना. पीएमसीएच के शिशु विभाग की पेडिएट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) के पांच वेंटिलेटर एक माह से खराब हैं। सिर्फ एक वेंटिलेटर ठीक है। पीकू में एक माह से 15 साल के गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज होता है। फिलहाल एक वेंटिलेटर से ही बच्चों का इलाज हो रहा है। खराब वेंटिलेटर को मरम्मत के लिए कोलकाता भेजा गया था। वहां बताया गया कि एक वेंटिलेटर की मरम्मत पर करीब चार लाख रुपए खर्च होंगे। जबकि, नया वेंटिलेटर 6 से 7 लाख रुपए में मिलता है। अब यह अस्पताल प्रशासन को निर्णय लेना है कि मरम्मत कराई जाए या नया वेंटिलेटर ही खरीद लिया जाए। हालांकि, नया वेंटिलेटर अस्पताल प्रशासन खुद नहीं खरीद सकता। पांच लाख से अधिक के उपकरण बीएमएसआईसीएल ही खरीद सकता है। 

मुफ्त मिलती है सुविधा
पीकू में वेंटिलेटर की कमी से गंभीर रूप से बीमार बच्चों के इलाज में परेशानी हो रही है। प्राइवेट अस्पताल में एक दिन वेंटिलेटर पर रखने के लिए 7 से 8 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं। जबकि, पीएमसीएच की पीकू में यह सुविधा मुफ्त मिलती है।  शिशु विभाग के हेड डॉ. एके जायसवाल के मुताबिक, पीकू में वेंटिलेटर की सख्त जरूरत है। 

वेंटिलेटर होने के बाद बच्चों के इलाज में होगी सहूलियत
वेंटिलेटर की व्यवस्था हो जाने पर बड़े बच्चों के इलाज में सहूलियत हो जाएगी। अभी एक वेंटिलेटर से काम चलाया जा रहा है। डॉ. जायसवाल ने कहा कि वेंटिलेटर की व्यवस्था करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उम्मीद है जल्द ही पीकू को छह वेंटिलेटर मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिशु विभाग में प्रतिदिन 30-35 बच्चे भर्ती होते हैं। 

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