मुजफ्फरपुर दुष्कर्म मामला: ऐसे शेल्टर होम को फलने-फूलने ही क्यों देते हैं- बिहार सरकार से सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के सवाल :जस्टिस मदन बी लोकुर ने बिहार सरकार से पूछा, "अब तक क्या कार्रवाई की गई? लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर क्या एक्शन लिया? एनजीओ की विश्वसनीयता जांचे बिना इतने साल पैसा कैसे दिया गया? क्या आपकी जिम्मेदारी नहीं है कि शेल्टर होम जाकर निरीक्षण करें? पीड़ित लड़कियों को मुआवजा भी नहीं दिया गया।"
बिहार सरकार के जवाब: वकील ने कहा, "समय-समय पर शेल्टर होम का ऑडिट और जांच कराई थी। तब किसी ने गड़बड़ियों की जानकारी नहीं दी। मामले में शामिल लोगों पर कार्रवाई की गई है। गिरफ्तारियां हुई हैं।"
अदालत ने लगाई फटकार :सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा, "आप शेल्टर होम को 2004 से पैसा दे रहे थे, वो भी बिना पड़ताल किए? लोग टैक्स भरते हैं और सरकार इन शेल्टर होम को बिना विश्वसनीयता परखे फंड दे देती है। ऐसे शेल्टर होम को सरकार फलने-फूलने ही क्यों देती है? दुष्कर्म के मामलों को देखें तो मध्यप्रदेश अव्वल है और उत्तरप्रदेश दूसरे नंबर पर। आखिर देश में ये हो क्या रहा है? बिहार में अपराध बढ़ गया है। इसे रोका क्यों नहीं जा रहा?" जस्टिस लोकुर ने कहा कि एनजीओ द्वारा चलाए जाने वाले सभी शेल्टर होम्स की मॉनिटरिंग रोजाना होनी चाहिए। सभी जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगे होने चाहिए, ताकि मुजफ्फरपुर जैसी घटना फिर न हो।
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