
सरकार की संस्थागत प्रसव कराने के प्रोत्साहन देने के लिए जननी बाल सुरक्षा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं. लेकिन, आज की घटना से स्पष्ट हो गया है कि यह सब सुविधा गरीबों और असहायों के लिए नहीं है. सरकार की सुविधा लेने के लिए संपन्न या ऊंची पैरवी होनी चाहिए. इस संबंध में प्रसूता के साथ आयी महिला चंपावती देवी ने बताया कि अपने भाई की पत्नी माया को प्रसव पीड़ा होने पर पर्ची बनवाकर महिला वार्ड में ले गये. हमलोगों को देखते ही महिला कर्मचारी ने कहा कि भागो-भागो, तुम लोगों का इलाज यहां नहीं होगा. एक महिला द्वारा एक महिला का दर्द नहीं समझना समझ से परे है. लगता है कि विभाग के साथ-साथ महिलाकर्मियों की भी संवेदना खत्म हो गयी है.
Comments
Post a Comment