टीईटी के मूल टेबुलेशन रजिस्टर से मिलान होने पर सभी आरोपी शिक्षक पाए गए फर्जी

टीईटी के मूल टेबुलेशन रजिस्टर से मिलान होने पर सभी आरोपी शिक्षक पाए गए फर्जीपटना.टीईटी-2011 के आधार पर शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़े के मामले में एसआईटी बिहार बोर्ड से जब्त कागजात को खंगाल रही है। फिलहाल बेगूसराय के डंडारी थाने में दर्ज मामले की जांच हो रही है। नामजद शिक्षकों और बोर्ड कर्मियों के संबंधों की पड़ताल की जा रही है। निगरानी ने 25 अगस्त, 2017 को 16 शिक्षकों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था। इनमें से 8 शिक्षक ऐसे थे, जिन्होंने बोर्ड कर्मियों की मिलीभगत से टीईटी पास का प्रमाणपत्र लेकर कोर्ट से जमानत ले ली थी। एसआईटी ने जब इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की तब पूरा खेल सामने आया। बोर्ड के शातिर राजेश रंजन, अमित और अन्य ने खेल कर टेबुलेशन रजिस्टर में पास अभ्यर्थियों की श्रेणी में रख दिया था।
जांच में सभी शिक्षक फर्जी निकले:एसआईटी ने जब टीआर का मिलान मूल टीआर से किया तब खुलासा हुआ कि सभी नामजद शिक्षक टीईटी में फेल थे। जांच में सभी 16 शिक्षकों को फर्जी पाया। बेउर जेल में बंद डंडारी थाने में नामजद तीन शिक्षिकाएं सुमन कुमारी, श्वेता कुमारी और पूजा भारती को एसआईटी ने जुलाई में दोबारा गिरफ्तार किया है। नामजद होने के बाद भी एक बार तीनों गिरफ्तार हो चुकी थीं। लेकिन फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर तीनों को जमानत मिल गई थी। इसके बाद तीनों उसी फर्जी कागजात को लेकर बेगूसराय के डीईओ के पास ज्वाइन करने पहुंच गईं। हालांकि डीईओ ने अस्वीकार कर दिया था। बीते जुलाई में जब कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ तब दोबारा इन तीनों को गिरफ्तार किया गया।

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