एम्स के डॉक्टरों ने कहा- अटलजी को कभी नहीं भूल पाएंगे, सांसद होने के बाद भी लाइन में लगते थे

AIIMS Doctor Said for Atalji we will not forget our this patientनई दिल्ली.   पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का इलाज कर चुके एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि वे उन्हें कभी नहीं भूल पाएंगे। डॉक्टरों का कहना है कि अटलजी यहां 1970 से इलाज के लिए आ रहे थे। उस वक्त वे सांसद थे, लेकिन इसका कभी गुरूर नहीं किया। अटलजी इस बार एम्स में 67 दिन भर्ती रहे। उनका इलाज एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में एक टीम कर रही थी। अटलजी ने यहां गुरुवार शाम 5.05 बजे आखिरी सांस ली थी। 
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने कभी सांसद होने का प्रभाव नहीं दिखाया। जब भी वे यहां परामर्श के लिए आते, अपनी बारी का इंतजार करते थे। अगर अस्पताल में भीड़ ज्यादा होती, तो वे लंच के लिए साउथ एक्सटेंशन चले जाते थे। डॉक्टर गुलेरिया करीब दो दशक से वाजपेयी का इलाज कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अटलजी डायबीटिक थे और उनकी एक किडनी काम करती थी। 2009 में उन्हें स्ट्रोक आया था, जिससे उन्हें स्मृति लोप हो गया था।
पता नहीं था, आखिरी बार अस्पताल आए थे अटलजी : डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि कृष्ण मेनन मार्ग स्थित अटलजी के घर में एम्स के डॉक्टर नियमित तौर पर उनकी जांच करने जाते थे। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए उनके घर को मिनी अस्पताल बना दिया गया था। कई बार उन्हें एम्स आना पड़ता था, लेकिन एक-दो दिन में घर चले जाते थे। डॉक्टरों ने बताया कि जब 11 जून को उन्हें अस्पताल लाया गया तो उम्मीद थी कि पहले की तरह वे घर चले जाएंगे। उनकी किडनी और चेस्ट में संक्रमण था। शुरुआत में उनकी हालत सुधरी तो लगा कि उन्हें जल्द ही घर भेज दिया जाएगा। हालांकि, ऐसा हो नहीं सका और 16 अगस्त को शाम 5.05 बजे एम्स के डॉक्टरों का एक प्रिय मरीज यह दुनिया छोड़कर हमेशा के लिए चला गया।
डॉक्टरों को मानते थे परिवार का हिस्सा : प्रधानमंत्री बनने के लिए एम्स के कुछ डॉक्टरों को वाजपेयी जी का पर्सनल फिजिशियन बनाया गया। अटलजी के पर्सनल डॉक्टरों में से एक अनूप मिश्रा कहते हैं कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री सभी डॉक्टरों को अपने परिवार का हिस्सा मानते थे। डॉक्टर चाहे जब उनका चेकअप करने चले जाएं, वे नाराज नहीं होते थे। हमेशा मुस्कुराते रहते थे।  
एम्स में ही लिखी थी इमरजेंसी के खिलाफ कविता : इमरजेंसी के दौरान वाजपेयी पीठ में दर्द से परेशान थे। इस घटना का जिक्र केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को अपनी फेसबुक पोस्ट में भी किया। उन्होंने लिखा, ‘‘उस दिन अटलजी का अपॉइंटमेंट ऑर्थोपीडिक डॉक्टर के साथ था। डॉक्टर ने उनसे कहा कि अगर आप हमेशा सीधे बैठते हैं तो दर्द कैसे हो सकता है? डॉक्टर ने अटलजी से पूछा कि क्या आप झुक गए थे। तेज दर्द के बावजूद अटलजी ने मजाकिया लहजे में जवाब दिया कि झुकना तो सीखा नहीं डॉक्टर साहब। यूं कहिए मुड़ गए होंगे।’’ जेटली के मुताबिक, इस घटना और वार्तालाप के बाद वाजपेयी ने अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान इमरजेंसी के विरोध में कविता लिखी। उन्होंने लिखा, ‘‘टूट सकते हैं, लेकिन हम झुक नहीं सकते।’’ जेटली ने बताया कि इमरजेंसी के दौरान यह कविता विरोध का माध्यम बन गई।
via bhaskar

Comments

Popular posts from this blog

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व॰ भोला पासवान शास्त्री का जन्म दिवस समारोह का आयोजन

विवादों का सुपर 30: अब पुलिस के खिलाफ ईंट से ईंट बजाएंगे आनंद! जानिए मामला