नहीं मिली एंबुलेंस तो जिस ठेले को चला कर भरते थे पेट, मौत के बाद उसी पर लदकर पहुंचे घर

मानवता को शर्मसार करनेवाली बात यह है कि आदर भगत की मौत के बाद शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस देने से साफ मना कर दिया. इसके बाद वह जिस ठेले को चला कर परिवार का भरण-पोषण करते थे, उनके शव को उसी पर लाद पर घर ले जाया गया.
गौरतलब है कि शुक्रवार की दोपहर पेट दर्द होने की शिकायत पर इलाज के लिए बेटा सुनील भगत व पत्नी सुंदरी देवी ठेले पर लाद कर अस्पताल ले गये. बेटे ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि पुर्जा कटवाने के बाद ओपीडी में तैनात डॉक्टर से गिड़गिड़ा और रो-रोकर इलाज शुरू करने की गुजारिश करते रहे. लेकिन, डॉक्टर ने एक नहीं सुनी. फलस्वरूप आधे घंटे में दर्द से तड़पते हुए उसके पिता ने दम तोड़ दिया. मानवता को शर्मसार करने वाली घटना तब हुई, जब मौत के बाद मृतक के बेटा व पत्नी ने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की, तो अस्पताल प्रशासन ने यह कहते हुए साफ इन्कार कर दिया कि शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं दी जाती है.
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