पटना : ढाई किलो वजन और एक माह से कम उम्र के नवजात के साथ न करें विमान यात्रा

एक माह से अधिक उम्र होने के बावजूद भी बच्चों को हवाई सैर तभी कराएं, जब उसे हृदय और फेफड़ा से संबंधित कोई समस्या नहीं हो अन्यथा अधिक ऊंचाई पर हवा के विरल होने से नवजात शिशु को सांस की समस्या हो सकती है. यदि बच्चे का जन्म समय से पूर्व (प्री मेच्योर्ड) हो तो उसे एक माह की उम्र के बाद भी तब तक विमान से सैर नहीं कराना चाहिए, जब तक बच्चे का वजन 2.5 किलो या उससे अधिक नहीं हो जाये और उसका स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक नहीं दिखे.
35 से 38 हजार फुट की ऊंचाई पर होती है समस्या
बोईंग 737 और एयरबस 320 जैसे विमान 35 से 38 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं. इस ऊंचाई पर हवा का घनत्व घटने से वायुमंडलीय दबाव काफी घट जाता है. इसकी वजह से कभी-कभी विमान के भीतर का एयर प्रेशर भी घट जाता है, जिससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है या कान बंद हो जाता है.
थोड़े देर के लिए होने वाली इस परेशानी को तो बड़े झेल लेते हैं, लेकिन यदि छोटे बच्चे को फेफड़ा या हृदय की कमजोरी की वजह से पहले से सांस लेने में परेशानी हो तो उसके लिए इसे झेलना मुश्किल होता है. ऐसे में ऑक्सीजन की कमी से बच्चे की मौत हो सकती है जैसा कि मंगलवार को बेंगलुरु से पटना आ रही इंडिगो की फ्लाइट में हुआ.
एक पंक्ति में एक से अधिक नवजात नहीं ले जातीं एयरलाइंस कंपनियां
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