15वें वित्त आयोग से सरकार केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा बढ़ाने की करेगी मांग

पटना.  उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय करों में हिस्सा बढ़ाने की मांग 15वें वित्त आयोग से करेगी। 12वें से लेकर 14वें वित्त आयोग के दौरान केंद्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी में लगातार कमी आई है। उन्होंने कहा कि 12वें वित्त आयोग में जहां केंद्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी 11.028 फीसदी थी।

वहीं 13वें और 14वें में कम होकर क्रमश:  10.917 और 9.787 प्रतिशत रह गई। मोदी ने कहा कि 12वें और 13वें वित्त आयोग में जहां केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के लिए जनसंख्या को 25  फीसदी वेटेज दिया गया था, वहीं 14वें वित्त आयोग में इसे घटाकर 17.5 फीसदी कर दिया गया।

जनसंख्या के वेटेज को घटाने से केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी पर प्रभाव पड़ा है। इसी प्रकार वन क्षेत्र के लिए मिलने वाले 7.5 फीसदी के वेटेज का लाभ भी बिहार को नहीं मिल पाया, क्योंकि झारखंड के अलग होने के बाद बिहार में नाममात्र का ही वनक्षेत्र रहा।
 
चार अक्टूबर तक करेगी बैठक : उल्लेखनीय है कि वित्त आयोग की टीम 30 सितंबर को आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह की अध्यक्षता में चार दिवसीय दौरे पर बिहार रही है। आयोग की टीम 01 अक्टूबर को शहरी व ग्रामीण स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों के साथ, 03 अक्टूबर को बिहार सरकार की ओर से दिए जाने वाले ज्ञापन पर विस्तृत चर्चा होगी और उसी दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी वित्त आयोग की टीम मुलाकात करेगी। 04 अक्टूबर को वित्त आयोग उद्योग-व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगी।

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