बिहार: 24 में से 9 घंटे पढ़ाई और उससे जुड़े काम करते हैं आनंद, आईआईटी में बच्चों की सफलता पर मिलती है सबसे ज्यादा खुशी

कक्षा के बाहर हम उनके पढ़ाने के तरीके को देख रहे थे। आनंद बच्चों को समझा रहे हैं कि गणित आपको तभी अच्छा लगेगा जब आपका इंटरेस्ट हो। क्योंकि यह ऐसा विषय है जिसमें जबतक हाऊ एंड ह्वाई (कैसे व क्यों) नहीं जानेंगे तबतक बोरिंग लगेगा। पढ़ाने के बीच में आनंद छात्रों से अपनी बायोपिक की चर्चा भी करते हैं। हंसी मजाक के बीच पढ़ाई चल रही है। क्लास खत्म होती है आनंद अपने कमरे में चले जाते हैं।
कक्षा के बाद 40 मिनट तक रेस्ट : कक्षा के बाद आनंद 40 मिनट तक रेस्ट करते हैं फिर 10 बजे से आधे घंटे तक फोन कॉल्स व इमेल का जवाब देते हैं। इसके बाद बच्चों के लिए टेस्ट पेपर बनाने में जुट जाते हैं। कहते हैं कि नए प्रश्न और नए तरीकों से प्रश्न बनाने का काम हर दिन वे एक से डेढ़ घंटा करते हैं। दोपहर करीब 3 बजे रामनुजन स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स कुम्हरार के लिए निकलते हैं। घर से स्कूल की दूरी करीब आधे घंटे की है। उनके साथ हम भी कार में चलते हैं। सवाल जवाब का सिलसिला जारी रहता है। रूटीन कैसे फॉलो करते हैं? आनंद कहते हैं कि धैर्य को मत खोइये। यह धैर्य ही है जो आपको बनाए रखता है। यही मेरा सूत्र-वाक्य है। ऊर्जा का स्रोत है। रामानुजन स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स में बच्चों से फीस ली जाती है। इसी फीस से सुपर 30 के बच्चों के रहने, खाने, पढ़ने का मुफ्त इंतजाम होता है। आनंद कुमार का 24 घटों में से 9 घंटों का समय पढ़ाई और पढ़ाई से जुड़े कामों में बीतता है।
कक्षा के बाद 40 मिनट तक रेस्ट : कक्षा के बाद आनंद 40 मिनट तक रेस्ट करते हैं फिर 10 बजे से आधे घंटे तक फोन कॉल्स व इमेल का जवाब देते हैं। इसके बाद बच्चों के लिए टेस्ट पेपर बनाने में जुट जाते हैं। कहते हैं कि नए प्रश्न और नए तरीकों से प्रश्न बनाने का काम हर दिन वे एक से डेढ़ घंटा करते हैं। दोपहर करीब 3 बजे रामनुजन स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स कुम्हरार के लिए निकलते हैं। घर से स्कूल की दूरी करीब आधे घंटे की है। उनके साथ हम भी कार में चलते हैं। सवाल जवाब का सिलसिला जारी रहता है। रूटीन कैसे फॉलो करते हैं? आनंद कहते हैं कि धैर्य को मत खोइये। यह धैर्य ही है जो आपको बनाए रखता है। यही मेरा सूत्र-वाक्य है। ऊर्जा का स्रोत है। रामानुजन स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स में बच्चों से फीस ली जाती है। इसी फीस से सुपर 30 के बच्चों के रहने, खाने, पढ़ने का मुफ्त इंतजाम होता है। आनंद कुमार का 24 घटों में से 9 घंटों का समय पढ़ाई और पढ़ाई से जुड़े कामों में बीतता है।
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