राज्य के सरकारी स्कूलों में 9वीं और 10वीं के छात्र एवं छात्राओं को साइकिल देने की योजना

राज्य के सरकारी स्कूलों में 9वीं और 10वीं के छात्र एवं छात्राओं को साइकिल देने की योजना पटना : राज्य के सरकारी स्कूलों में 9वीं और 10वीं के छात्र एवं छात्राओं को साइकिल देने की योजना वित्तीय वर्ष 2007-08 से चल रही है. इसके तहत पहले सिर्फ  बालिकाओं को ही साइकिल मिलती थी, लेकिन बालकों को साइकिल देने की शुरुआत वित्तीय वर्ष 2009-10 से की गयी है. 
 सिर्फ पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान 12 लाख 18 हजार से ज्यादा छात्र और छात्राओं को साइकिल के रुपये दिये गये थे. इसके बावजूद बड़ी संख्या में सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राएं ऐसे हैं, जिनके पास साइकिल नहीं है. हाल के दिनों में हुए औचक निरीक्षण के दौरान यह हकीकत सामने आयी है. पिछले एक महीने के दौरान जितने भी स्कूलों का औचक निरीक्षण किया गया है, उनमें 10 से 12 फीसदी स्कूल ऐसे पाये गये, जहां के बच्चों के पास साइकिल नहीं है. 
 
 अब तक हुई जांच से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि  साइकिल के रुपये छात्रों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर करने के बाद भी कई छात्र साइकिल की खरीद नहीं करते हैं. इसकी स्कूल के स्तर पर समुचित मॉनीटरिंग भी नहीं होती है. इस वजह से जो छात्र साइकिल नहीं खरीदते, वह आसानी से बच भी जाते हैं. 
माध्यमिक स्कूलों में किये गये औचक निरीक्षण के दौरान सामने आयी सच्चाई
10 से 12% स्कूलों के बच्चों के पास नहीं मिली साइकिल
इस वर्ष इतने को मिली साइकिल       
वित्तीय वर्ष छात्र छात्राएं
2007-08 0 1,56,092
2008-09 0 2,64,761
2009-10 5,23,454 4,14,011
2010-11 6,25,256 5,32,497
2011-12 6,70,507 5,97,279
2012-13 6,62,698 6,98,635
2013-14 6,65,494 6,57,744
2014-15 6,99,963 7,00,322
2015-16 7,28,946 7,13,857
2016-17 6,24,932 6,74,854
2017-18 5,96,980 6,21,346
स्पष्ट नहीं हो पाया है कारण
अगस्त की शुरुआत में माध्यमिक स्कूलों का औचक निरीक्षण किया गया, इसमें 86 में छह स्कूल के छात्रों के पास साइकिल नहीं मिली. 16 अगस्त को 130 स्कूल के निरीक्षण में 27 स्कूल के छात्रों के पास साइकिल नहीं मिली.

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