गृह कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्टिंग पर लगी रोक हटाई, ब्रजेश की संपत्ति की जांच के आदेश

पटना. मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामले की रिपोर्टिंग पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि आंख बंद कर मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन नहीं लगाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि मीडिया केस को छाप सकता है, मगर ध्यान रखे कि पीड़िता की पहचान उजागर न हो। यह उनकी जिम्मेदारी है। बता दें कि पत्रकार निवेदिता झा ने पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट करेगा मामले की मॉनिटरिंग 

  1. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद मॉनिटरिंग करने का फैसला किया है। कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को आदेश दिया है कि वो अपनी सुनवाई टाल दे। कोर्ट ने सीबीआई से 4 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। इससे पहले पटना हाईकोर्ट सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग कर रही था।
  2. ब्रजेश की एनजीओ की संपत्ति की जांच

    सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके एनजीओ की संपत्ति की जांच के भी आदेश दिए। कोर्ट ने आयकर विभाग को आदेश दिया है कि वह  ब्रजेश ठाकुर और उसके एनजीओ की जांच करें। यह पता लगाएं की बिहार सरकार द्वारा पिछले 10 सालों में दिए गए 4.5 करोड़ के फंड का ब्रजेश ने क्या किया है। 
  3. ऐसे सामने आया था मुजफ्फरपर गृह कांड

    मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की 'कोशिश' टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया था कि मुजफ्फरपर बालिका गृह में रहने वाली बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ है। जांच रिपोर्ट में 34 बच्चियों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई। मामले में ब्रजेश ठाकुर, बालिका गृह की अधीक्षिका इंदू कुमारी समेत 9 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।

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