ट्रांस्प्लांट: बंगाल की महिला में धड़का बिहार के युवक का दिल

कोलकाता में एंबुलेंस से अस्पताल में लिवर ले जाते डॉक्टर।पटना. बिहार से पहली बार ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हार्ट और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए दूसरे राज्यों में भेजा गया। हार्ट को कोलकाता और लिवर को दिल्ली भेजा गया। अाईजीआईएमएस प्रबंधन ने ग्रीन कॉरिडोर तैयार करने के लिए पटना प्रशासन से संपर्क किया। इस दौरान सड़क पर दूसरे वाहनों के चलने पर रोक लगा दी गई थी।

इतना लगा समय

  1. हार्ट को दोपहर 3.30 बजे निकाला गया और इसे पटना एयरपोर्ट पहुंचाने में सवा चार  मिनट लगे। लिवर को शाम साढ़े चार बजे निकाला और उसे एयरपोर्ट पहुंचने में साढ़े तीन मिनट लगे। पटना से कोलकाता पहुंचने में हार्ट को 55 और पटना से दिल्ली पहुंचने में लिवर को 90 मिनट लगे।
  2. कोलकाता और दिल्ली की टीम हार्ट और लिवर लेने के लिए सोमवार सुबह ही पहुंच गई थी। लिवर को दिल्ली एयरपोर्ट से इंस्टीच्युट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज, पहुंचने में 13 मिनट का समय लगा। जबकि, हार्ट को कोलकाता एयरपोर्ट से रवींद्र नाथ टैगोर इंस्टीटयूट आॅफ कार्डियक साइंसेज हॉस्पिटल पहुंचने में 25 मिनट का समय लगा। डॉक्टरों के मुताबिक दोनों जगह ट्रांसप्लांट सफल रहे। कोलकाता में एक 29 वर्ष की महिला को 19 साल के सौरभ का दिल लगाया गया। सौरभ की किडनी नहीं निकाली गई क्योंकि जिन दो मरीजों को तैयार रखा गया था उनमें एक को सर्दी थी और दूसरे का जीन मैच नहीं किया।



  3. नालंदा के हिलसा के सौरभ प्रतीक घर के छज्जे से 19 सितंबर को गिर गया था। उसे कंकड़बाग के नोबल अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां डॉक्टरों ने बताया कि बचने की संभावना नहीं है। इसके बाद मां सरिता सिन्हा और पिता शशिभूषण ने सोचा कि बेटे का अंगदान कर क्यों न दूसरे की जान बचाई जाए। 22 सितंबर को उसे आईजीआईएमएस लाया गया। ब्रेन डेथ कमेटी ने सौरभ को 23 को ब्रेन डेड घोषित किया। 24 को सुबह 10.30 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक मरीज से हार्ट, लिवर व कोर्निया निकाला गया। -डॉ. मनीष मंडल, मेडिकल सुपरिटेंडेंट
    via bhaskar 

Comments

Popular posts from this blog

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व॰ भोला पासवान शास्त्री का जन्म दिवस समारोह का आयोजन

विवादों का सुपर 30: अब पुलिस के खिलाफ ईंट से ईंट बजाएंगे आनंद! जानिए मामला