युवा' में तेजस्‍वी यादव बोले, मेरे पिता के नाम को हमेशा बदनाम किया गया



-'NDTV युवा' में तेजस्‍वी यादव बोले, मेरे पिता के नाम को हमेशा बदनाम किया गया हमारे पिता ने आज तक सामाजिक न्‍याय से कभी समझौता नहीं किया. वो हमेशा धर्मनिरपेक्षता के लिए लड़ते रहे: तेजस्‍वी

- अगर पिता के करीबी उन्‍हें धोखा देंगे तो क्‍या मैं घर पर बैठे रहूंगा: तेजस्‍वी  

- ​तेजस्‍वी ने कहा कि बचपन से ही मैं राजनैतिक और सामाजिक रूप से काफी सजग रहा हूं. हमारा ही एक ऐसा परिवार होगा जिस पर सीबीआई और ईडी के छापे पड़ते रहे.

- तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं चाहता हूं कि सीबीआई और ईडी का कार्यालय मेरे घर पर ही हो. मेरे पिता के नाम को लगातार बदनाम किया गया. मेरे ऊपर कई तरह के साजिश के आरोप लगाया गया. जब मेरी मूंछें नहीं थी तब मैं साजिश कर रहा था, ऐसा इनका मानना है. 

- तेजस्वी यादव ने कहा कि  मैं सचिन तेंदुलकर तो था नहीं. हमारे पिता ने कभी सेक्युलरिज्म से समझौता नहीं किया.  पापा ने सिर्फ मीडिया को मेरा जब परिचय कराया तो ब्रेकिंग खबर चली की लालू यादव ने तेजस्वी को लॉन्च किया. उसके बाद फिर समर्थक मुझे बुलाने लगे. 

- मेरे पिता के नाम को हमेशा बदनाम किया गया 

अभिज्ञान प्रकाश के साथ तेजस्वी यादव का सत्र लाइव: बिहार में पांव जमाने की चुनौती 


-काजोल ने कहा कि मैं उन लोगों के साथ काम नहीं कर सकती जिन्‍हें मैं पसंद नहीं करती. यही वजह है कि मैं कम फिल्‍में करती हूं. हालांकि मैं जिनके साथ काम करती हूं वो मेरे अच्‍छे दोस्‍त बन जाते हैं.

- काजोल ने कहा कि अगर मेरी बेटी चाहेगी कि वो फिल्‍म इंड्रस्‍टी में आना तो मैं उसका समर्थन करूंगी. मैं उसे वो करने दूंगी जो वो करना चाहेगी और मैं उसके पीछे खड़ी हूं. 

- काजोल ने कहा जितना भी हो सकता है मैंने अपने बच्‍चों को रियल लाइफ दिखाने की कोशिश की है. हां ये जरूर बताती हूं कि वे स्‍पेशल हैं लेकिन एक हद तक. हालांकि मेरे बच्‍चे बहुत अच्‍छे हैं. 

- काजोल ने कहा, मेरे बच्‍चे मेरी बड़ी अचीवमेंट हैं. मुझे अपनी बेटी और बेटे पर गर्व है.

- काजोल ने कहा कि #MeeToo कैम्‍पेन की जरूरत सिर्फ बॉलीवुड इंडस्‍ट्री में नहीं बल्‍कि सोसाइटी की हर इंडस्‍ट्री में जरूरी है. ये समस्‍या सिर्फ बॉलीवुड की नहीं हर इंडस्‍ट्री की है.

- काजोल ने कहा कि सुंदरता सिर्फ होठों और आंखों में ही नहीं होती. सुंदरता हंसी में भी होती है. सोशल मीडिया ऐज में हमें ये बात अपने बच्‍चों को समझाने की जरूरत है. 

- अच्‍छी स्क्रिप्‍ट मिलती नहीं है्. कई बार मुझे स्क्रिप्‍ट अच्‍छी नहीं लगती है. बच्‍चों ने कभी मुझे रोका नहीं है. कभी काम पर जाने पर भी नहीं रोका है. मेरे बच्‍चों ने मुझे कभी नहीं कहा कि घर पर बैठो और खाना बनाओ. 
credit ndtv

Comments

Popular posts from this blog

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व॰ भोला पासवान शास्त्री का जन्म दिवस समारोह का आयोजन

विवादों का सुपर 30: अब पुलिस के खिलाफ ईंट से ईंट बजाएंगे आनंद! जानिए मामला