बिहार में बच्चों का बचपन, बड़ों का सुकून छीन रहा सोशल मीडिया, सात साल में हजार गुना बढ़ा साइबर क्राइम

यानि बिहार पुलिस के पास यह तो डाटा है कि देश में 24.10 कराेड़ फेसबुक यूजर हैं लेकिन इसमें बिहार में कितने हैं, यह डाटा नहीं है. सारे साइबर अपराधों की एक ही श्रेणी है. यूनाइटेड किंगडम की नेशनल सोसायटी फॅार प्रिवेंशन आफ क्रुएलिटी टू चिल्ड्रेन (एनएसपीसीसी) की 2016 की रिपोर्ट को आधार मानें तो बिहार में भी 11 साल एवं इससे बड़ी उम्र के 48 फीसदी बच्चे पोर्न देख रहे हैं. 15 से 16 उम्र के 65 फीसदी बच्चे पोर्न देखने की आदी हैं.
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर निगाह डालें तो बिहार में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध का ट्रायल पूरा होने में सालों लग रहा है. बच्चों के खिलाफ हुए अपराध के निस्तारण की दर बहुत धीमी है. बिहार में लंबित मामलों की औसत दर 96.1 फीसदी है. वर्तमान में यह औसत और बढ़ा है.
ट्रेनिंग ले रहे थानेदार, कंसल्टेंट की भर्ती शुरू : 100 महिला पुलिस पदाधिकारियों सहित 1100 पुलिस अफसरों को साइबर क्राइम अवेयरनेस और 50 महिला थानेदारों सहित 700 थानेदारों के लिए पांच दिन की साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन ट्रेनिंग शुरू कर दी गयी है. 200 लोक अभियोजक 200 न्यायिक पदाधिकारियों को साइबर अपराध और कानून का तीन दिन का प्रशिक्षण दिया जायेगा. साइबर फोरेंसिंग ट्रेनिंग लैब की स्थापना की जा रही है. इसके लिए बीटेक और एमटेक डिग्रीधारी और दो साल के अनुभव वाले लोगों को एक लाख के मानदेय पर जूनियर साइबर फोरेंसिक कंसल्टेंट की दो साल के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
यह है साइबर की दुनिया
बिहार साइबर क्राइम सेल से मिली जानकारी के अनुसार दुनिया में प्रति सेकेंड 80271 ट्वीट , 1373 टंबलर (पोस्ट), 2688811 ईमेल, 3123 स्काइपी कॉलिंग, 73705 वीडियो और 843 फोटो अपलोड हो रहे हैं.
चल रहा एडवांस कोर्स
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