बिहार को पेंशनदेयता मद में 597 करोड़ और देने पर झारखंड सहमत : सुशील मोदी

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार पुनर्गठन विधेयक 2000 के अनुसार पेंशनदेयता का निर्धारण कर्मचारियों की संख्या के अनुपात के आधार पर करना था. जबकि, झारखंड आबादी के अनुपात के आधार पर चाहता है. इस मुद्दे को लेकर झारखंड सुप्रीम कोर्ट भी गया मगर उसे कोई स्टे नहीं मिला और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बड़ी बेंच में हस्तांतरित कर दिया. 2012 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2010-11 तक की देयता के आधार पर झारखंड को 2,584 करोड़ भुगतान करने का निर्णय दिया. बाद में 2011-12 से 2016-17 तक पेंशनदेयता 2,584 करोड़ से बढ़ कर कुल 3,572 करोड़ हो गयी जिसके विरुद्ध 2017-18 तक अलग-अलग वर्षों में झारखंड ने बिहार को 936.82 करोड़ का भुगतान किया
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