बिहार पुलिस का कारनामाः बिना अपराध बैंकर को भेज दिया जेल, 86 दिन बाद रिहा

बिहार में बढ़े अपराधों को लेकर बिहार पुलिस की तीखी आलोचना हो रही है। इस बीच एक और ऐसा मामला सामने आया है, जिस वजह से बिहार पुलिस की जमकर फजीहत हो रही है। यहां पुलिस ने 28 वर्षीय बैंकर को बिना अपराध के 86 दिनों तक जेल में रखा। युवक पर सोशल मीडिया में प्रदेश के पूर्व डीजीपी के लिए आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप लगा था, लेकिन यह पोस्ट उस युवक ने किया ही नहीं था।
मेल के आधार पर दर्ज कर दिया केस
पुलिस ने बैंकर जितेंद्र कुमार के खिलाफ 11 जुलाई को एफआईआर दर्ज की थी। यह कार्रवाई पुलिस ने किसी सुजीत कुमार सिंह के नाम से आए मेल के आधार पर की थी। इस मेल में आरोप लगाया गया था कि जितेंद्र ने पूर्व डीजीपी अभयानंद के खिलाफ आपत्तिजनक तस्वीरों के साथ पोस्ट की है।
पुलिस ने इसी आधार पर 12 जुलाई को जितेंद्र की गिरफ्तारी करके उसे जेल भेज दिया था। जितेंद्र सुपर-30 फेम आनंद कुमार का पड़ोसी है। उसकी गिरफ्तारी होने के बाद आनंद थाने पहुंचे और युवक की गिरफ्तार का विरोध किया। इस पर पुलिस ने उनके खिलाफ हंगामा करने की धाराओं में केस दर्ज कर दिया था।
जांच में आरोप मिले झूठे
इस घटना के बाद सोशल मीडिया में खबरें चलीं की आनंद कुमार की बायोपिक को विवादित करने के लिए वह ऐसा कर रहे हैं। सोशल मीडिया में आनंद कुमार का जमकर मजाक बनाया गया था। हालांकि शिकायत के बाद बिहार के डीजीपी केएस द्विवेदी ने एडीजी जेएस गंगवार को पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए थे। जांच में पाया गया कि जितेंद्र पर लगाए गए आरोप झूठे थे।
पुलिस मुख्यालय ने मानी पुलिस की चूक
nvt
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