मुंगेर :कभी पापड़ व तिलौरी बनाने के लिए मशहूर था यह गांव, अब हथियार बनाने में शामिल हैं बच्चे और महिलाएं

जल्द से जल्द अधिक धन कमाने के लालच ने गांव के लोगों को अवैध करोबार में ढकेल दिया। गांव में महिलाओं से लेकर बच्चे तक अवैध हथियार निर्माण में संलग्न हैं।
एक पखावाड़ा पूर्व बरदह से अजमेरी बेगम की गिरफ्तारी से यह बात साबित हो चुकी है। अजमेरी बेगम के घर से पुलिस ने दो डीबीबीएल गन बरामद किए थे। बाद में उसके घर के गोदाम की जेसीबी से खुदार्इ कर एके- 47 के पार्ट्स बरामद किए गए। इस गांव में अवैध हथियार निर्माण कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है।
मिर्जापुर बरदह गांव का रिश्ता अवैध हथियार निर्माण तस्करी को लेकर वर्षों पुराना है। लगभग 40 साल से इस गांव में हथियार निर्माण एवं तस्करी का धंधा चोरी छिपे होते रहा है।
गांव के अमन पसंद लोगों में है तस्करों को लेकर आक्रोश
- गांव के ही कुछ बुद्धिजीवियों और अमन पसंद लोगों को हथियार तस्करों को लेकर आक्रोश भी है। हालांकि उनके सामने ये मुंह खोलने में डरते हैं।
- चंद लोग अवैध हथियार तस्करी का धंधा अपनाकर गांव को बदनाम कर रहे हैं। इन लोगों ने परिवार की महिलाओं सहित बच्चों को भी निर्माण व तस्करी के धंधे में डाल दिया है।
- मिर्जापुर बरदह गांव में हथियार तस्करी एवं निर्माण पर रोक लगाने के लिए वर्ष 2014 में तत्कालीन एसपी ने जनसंघर्ष समिति का गठन किया था।
Comments
Post a Comment